Marco Movie Review

देखो स्टोरी है रिवेंज की, बस इतना सिंपल है और कुछ नहीं लेकिन इस रिवेंज को जिस लेवल से ब्रूटल किया गया है। वैसा आज तक मैंने तो एटलीस्ट नहीं देखा इंडियन सिनेमा में, फर्स्ट हाफ के बारे में, पहले बात करूंगा। क्योंकि ऑलमोस्ट पौने 3 घंटे की मूवी है। एंड फर्स्ट हाफ मुझे बहुत ठंडा सा लग रहा था। हालांकि पूरा थिएटर हाउसफुल था। लेकिन कोई चिल्लम चिल्ली नहीं, कोई ताली नहीं बजा रहा, लोग बस देखे जा रहे हैं, कि क्या चल रहा है भाई। मैं भी कंफ्यूज था कि यार मैं तो मरको देखने आया था यह मार्टिन का शो किसने लगा दिया एंड इवेन जितना आप लोग सुनते आ रहे थे। ब्रूटलेस्ट फिल्म ब्रूटल होता है, ना, फर्स्ट हाफ में एक दो सीन है, जिसमें ब्रूटालिटी को दिखाया है बस। और स्टोरी लाइन का बिल्ड अप चलते रहता है बट जैसे ही मूवी इंटरवल ब्लॉक में आई, खेल वहीं से शुरू हो गया। हाथ कट रहे हैं, पांव कट रहे हैं, सब कुछ धड़ से अलग हो रहा है। खून ही खून है, हर जगह एंड अगर आप आर रेटेड वाले फैन हो, तो तुमको इसमें नैन सुख मिलेगा, इतना के काट पिटाई वहा हो रही है खून आपके आंखों से आ रहा है। इतना सेंसर ने पास कैसे कर दिया थिएटर ऑडियंस के लिए और अगर ए रेटेड है तो साला थिएटर में बच्चे किसने अलाउड कर दिए। मेरे थिएटर में ऑलमोस्ट 10-12 बच्चे भी थे। ये नहीं दिखाना चाहिए यार बच्चों को बिल्कुल भी नहीं। ऑनेस्टली सेइंग इस फिल्म में ब्रूटालिटी के अलावा स्टोरी लाइन इज नथिंग। स्टोरी लाइन ढूंढते मत बैठ जाना। मैं तेरे को मारूंगा तू मुझे मार, बस यही सब है। ब्रूटल सींस के वक्त कैमरा एंगल बहुत अच्छे हैं, अब देखो, हाइप में बह के मैं इस फिल्म को बेस्ट ऑफ द बेस्ट तो नहीं कह सकता, वो भी सिर्फ ब्रूटालिटी के आधार पर। इस फिल्म ने यह तो इंडस्ट्री को समझा दिया है कि यू कैन गो बियोंड योर इमेजिनेशन, जहां महाराजा या एनिमल जैसी फिल्म्स का ब्रूटल एस्पेक्ट बहुत कम हो जाता है। यह फिल्म अब तक की मेरी देखी हुई फिल्म्स में से ब्रूटालिटी ओवरलोडेड फिल्म थी। कुछ जगह तो इतना ज्यादा कर दिया, कि अगर आप कमजोर दिल वाले हो तो उल्टी कर दोगे, स्पेशली सेकंड हाफ में। वैसे फिल्म में गाने ना के बराबर है, तो फोकस बस रिवेंज एंड एक्शन पर होता है। मासूम बच्चों के साथ भी जब ब्रूटालिटी होती है तो यार थोड़ा दिल थमसा जाता है, कि भाई अब तो रुक जाओ। हीरोइज्म से भरी इस फिल्म में, हीरो को जितना भी मार पड़े। उसको घंटा फर्क नहीं पड़ेगा। वो उठेगा, बदला लेगा, एंड दी एंड।

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